स्पा थेरेपी की उपयोगिता

आज स्पा थेरेपी एक ऐसा विकल्प है, जो ताजगी, प्रसन्नता और उल्लास का एहसास कराता है। इससे शरीर और त्वचा की देखभाल के साथ बरसात में भी हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। 

बरसात का मौसम अब जाने वाला है। यह मौसम सुहाना तो होता है, पर हम अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त न रखे, तो इस मौसम में संक्रमण, त्वचा के रोग, जलन, फंगल संक्रमण आदि का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल इन दिनों हवा में नमी होती है, जिसकी वजह से कीटाणु व जीवाणुओं का प्रजनन आसानी से होता है और त्वचा के रोग बहुत आसानी से आकर्षित होते हैं। ऐसे मौसम में त्वचा और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए स्पा थेरेपी काफी कारगर होती है। 

इस मौसम में सेहत बनाये रखने के लिए हम कई तरीके अपनाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि इन उपायों में स्पा थेरेपी भी एक है, जो काफी कारगर है। अगर आप इस मौसम का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह उसके बाद भी आपकी सुरक्षा करने में मददगार होती है। स्पा थेरेपी का अपना ही महत्व है, जो कई मायनों में हमें स्वस्थ रहने में मदद करती है। 

रक्त का प्रवाह करे ठीक

स्पा थेरेपी से शरीर के रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे शरीर को भरपूर मात्र में ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। इससे प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 

नालि संस्थान को सुधारे 

हमारे शरीर में एक नालि संस्थान होता है, जो शरीर के टॉक्सिन्स और अवशेषों को बाहर निकालता है। स्पा थेरेपी उन बेकार तरल पदार्थों को ड्रेनेज की तरफ पहुँचाती है, जिससे शरीर में नवीनता का अनुभव होता है और शरीर स्वस्थ बनता है। 

नयी कोशिकाओं का आगमन 

स्पा थेरेपी बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक बहुत ही अच्छा तरीका है, जिसे बॉडी रैप या एक्सफोलिएशन कहा जाता है। यह प्रक्रिया पांच हिस्सों में की जाती है। इससे न केवल पुरानी त्वचा को निकाला जाता है, बल्कि नई त्वचा और कोशिकाएं भी अच्छी तरह सक्रिय होती जाती हैं। 

क्लीजिंग 

क्लींजिंग में कच्चे दूध या क्लींजिंग मिल्क से शरीर का उपचार किया जाता है। दूध, दही, नारियल का दूध या फलों के रस से जब डीप पोर क्लींजिंग की जाती है तो शरीर की गंदगी निकल जाती है। इससे त्वचा पर निख़ार तो आता ही है, उसकी सेहत भी सुधरती है, जिससे आप ताजगी का अनुभव करते हैं। 

मृत त्वचा निकालना 

इसमें चावल के आटे, ओट्स और संतरे के छिलके के पाउडर या स्क्रब से मसाज कर शरीर की मृत त्वचा को हटाया जाता है। इससे इस मौसम में त्वचा में होने वाले संक्रमण से उसकी रक्षा हो जाती है। स्टीम की प्रक्रिया से शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं, जिससे अपद्रव पसीने के रूप में हमारे शरीर से बाहर निकलते हैं। इस तरह शरीर की सफाई होती रहती है और आप सेहतमंद बने रहते हैं। 

इन बातों का रखे ध्यान 

1- अगर आप गर्भवती हैं तो विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही स्पा करवाएं या फिर सिर्फ मसाज ही करवाएं, जो ऐसे समय के लिए ख़ास होती है। 

2- महिलाओं को मासिक धर्म के समय स्पा करवाने से बचना चाहिए।

3- इस बात का ध्यान रखे कि स्पा करवाने से एकदम पहले आपने कुछ ख़ाया या पिया न हो। 

4- ख़ासकर बरसात के मौसम में स्पा थेरेपी हफ्रते में एक बार या 15 दिन में एक बार करवा सकते हैं। 

मॉइस्चराइजर 

इसके तहत तेल और मॉइस्चराइजर को मिला कर शरीर, पर मसाज की जाती है। इस मौसम में शरीर में होने वाली ऐंठन, अकड़न, दर्द आदि में इससे आराम मिलता है। इस मौसम में त्वचा को अधिक खतरा होता है। मसाज से शरीर की टोनिंग होने के साथ त्वचा का रूख़ापन भी कम हो जाता है, जिससे त्वचा की सेहत सुधरती है। 

बॉडी रैप या पैक 

इस भाग में शरीर के ऊपर पैक या रैप किया जाता है, जिससे अतिरिक्त खुले हुए रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से शरीर में नवीनता का अनुभव होता है। 

मांसपेशियों को दुरुस्त करे 

स्पा थेरेपी से हमें प्रसन्नता का अनुभव होता है। हमारे शरीर में सेरेटोनिन नाम का एक हार्माेन उत्पन्न होता है, जो हमें प्रसन्नता का अनुभव कराता है। यह सकारात्मक हार्माेन है, जो हमारे शरीर, मस्तिष्क और मन में तारतम्य बिठाता है। स्पा थेरेपी से होने वाले कई फायदों में एक फायदा यह भी है कि यह हमारी मांसपेशियों को आराम देती है और हमारा मानसिक तनाव भी काफी कम करती है।

श्रुति गोयल