फल और सब्जियों की उपयोगिता


लोकेश गोयल


फल और सब्जियों को कुछ इस तरह से बांटा गया है कि कुछ शरीर में गर्मी पैदा करते हैं तो कुछ ठंडक। उदाहरण के लिए लाल मिर्च, अदरक और कुछ अन्य मसालों में शरीर में गर्मी उत्पन्न करने की क्षमता होती है, इसलिए सर्दियों में इनका सेवन करने और गर्मी में इनसे परहेज करने की सलाह दी जाती है। गर्मी के मौसम में मसालेदार खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से त्वचा पर मुहांसे, संक्रमण और एलर्जी हो जाती है। वहीं, जिन खाद्य पदार्थों में पानी की मात्रा अधिक होती है, वे शरीर के भीतर नमी बरकरार रखने और उसे अंदर से ठंडा रखने में मदद करते हैं। ये खाद्य पदार्थ पेट के लिए हल्के होते हैं और इन्हें पचाना भी आसान होताहै। एल्कलाइन (क्षारीय) पानी या एल्केलाइन तरल पदार्थ भी गर्मी से राहत दिलाते हैंकछ क्षारीय फल और सब्जियों में पानी की मात्रा काफी होती है, इनमें कैलोरी भी कम होती है और ये शरीर के तरल पदार्थ की अम्लता और पीएच स्तर को भी संतुलित रखती हैं। दिल्ली स्थित न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन कहती हैं, कुछ फल और सब्जियाँ ऐसे होते हैं, जिनका सेवन हमें गर्मियों में करना ही चाहिए। इनमें निहित पानी की मात्रा हमारे शरीर को ठंडा रखने के साथ ही लू से भी बचाती है। इनके लगातार और रोजाना सेवन से गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। साथ ही तेज गर्मी वाले मौसम में भी ऊर्जा की कमी महसूस नहीं होती।


लौकी टेगी जरूरी नमी यदि आप अपने रोजाना की डाइट में लौकी को शामिल करती हैं तो आप यूटीआई और दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बू दूर रहेंगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ तो शुरू से ही लौकी के जूस को पीने की सलाह देते आए हैं। उनका कहना है कि लौकी के जूस का सेवन हाइड्रेटिंग एजेंट के तौर पर काम करता है और इससे शरीर के भीतर से अत्यधिक गर्मी बाहर निकल जाती है। इस सब्जी में 96 फीसदी पानी की मात्रा होती है, जो आपको सिर्फ 12 कैलोरी देती है। पेट के लिए भी लौकी बढ़िया है। यह तुरंत पच जाती है। दस्त, कब्ज और अनिद्रा की बीमारी में लौकी के कई लाभ पाए गए हैं। लौकी के नियमित सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिलता है। सीताफल का कमाल सीताफल यानी कदू में भी पानी की अधिक मात्रा होती है। यह कैरोटीन, पॉलीफेनॉल, एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक गुणों से भरपूर है। प्रति 100 ग्राम सीताफल में केवल 25 कैलोरी होती है, जो काफी कम है। आप तरह-तरह से सीताफल को अपने नियमित आहार का हिस्सा बना सकती हैं। सीताफल की मिठाई भी खाई जा सकती है। यह शरीर में गर्मी निकालने में मदद करता है। इसके लगातार सेवन से आंखों की रोशनी और रक्तचाप में सुधार आता है और दिल की सेहत भी दुरुस्त होती है


खीरा बनाएगा ऊर्जावान खीरा के बिना भारत में गर्मी के मौसम की कल्पना करना बेकार है। यह बेहतरीन सब्जी है, जिसमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा है। चाहें तो इसे सलाद के तौर पर खाएँ या दही में डालकर रायता बना लें। ताजा खीरा पेट के लिए भी अच्छा है, जल्दी पच पच जाता है और यह त्वचा की खूबसूरती भी निखारता हैं। खीरा झटपट शरीर को ऊर्जा से भर देता है। विटामिन-ए, सी, फॉलिक एसिड और फाइबर से युक्त खीरा आँखों के नीचे आए गहरे धब्बे, सूजन और त्वचा के दाग धब्बों को ठीक करने में भी लाभकारी साबित होता है। खीरा एंटीऑक्सिडेंटस से भरपर होता है और इस वजह से कई बीमारियों से शरीर को दूर रखने में मददगार साबित होता है। नींबू रखेगा रक्तचाप नियंत्रित गर्मी के मौसम में पिए जाने वाले तरल पदार्थों में नींबू सबसे आगे हैचाहे नियंत्रित कोई पेय पदार्थ बनाएँ या ठंडा सूप या जूस, नीबू के बिना भला काम कहां चलता है! पानी में सिर्फ नीबू और चीनी या नमक मिलाकर भी आप नींबू का शरबत तैयार कर सकती हैं। नीबू शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त रखता है, हीट स्ट्रोक से सुरक्षा देता है और डीहाइड्रेशन से भी बचाता है। यह गले के संक्रमण, अपच, कब्ज, दाँत की समस्याओं और उच्च रक्तचाप से निपटने में भी मदद करता है। दमदार है टिंडा इसे एपल गार्ड भी कहा जाता है। कुछ लोग इसे बेबी कद्रू भी कहते हैं। इसमें ठंडक प्रदान करने वाले गुण होते हैं। यह आसानी से पचता है और गैस से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी कारगर साबित होता है। टिंडा शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है। टिंडा में कैलोरी काफी कम होती है और यह विटामिन-सी, ए, आयरन, थायमिन और नियासिन जैसे पोषक तत्व शरीर को प्रदान करता हैकरेला देता है भीतरी मजबूती करेला को भले ही अधिकतर लोग पसंद न करते हों, लेकिन सच तो यही है कि इसके गुण आपको चौंका देंगे। यह विटामिन-ए, के, सी, बी2, बी3 के साथ मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। करेला में और भी कई पोषक तत्व होते हैं। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को मजबूत बनाता है और फेफड़ों की सेहत को भी दुरुस्त रखता है। कब्ज दूर करने में सहायक होने के साथ करेला मुहांसों एवं फुसी के इलाज में भी लाभकारी है। अजवाइन बनाएगा पाचन दुरुस्त एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन और फ्लाइवनॉयड्स से भरपूर अजवाइन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह पाचन में भी सहायता करता है और इसमें एंटीइंफ्लामेटी गण होते हैं, जो सूजन को कम करता है। अजवाइन दिल की सेहत के लिए अच्छा है और इसमें विटामिन-के. सी. ए. बी6, बी2, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉलेट और अन्य कई पोषक बी बी) कैल्शियम औनीशियम फॉलेट और तत्व होते हैं। इसे आप अपने सलाद.स्टर-फ्राई. स्टीम्ड फड. सप या रोजाना की डाइट में भी शामिल कर सकती हैं। आसानी से पचेंगे बीन्स बीन्स पेट के लिए हल्का होता है। इसमें कैलोरी काफी कम होती है और पोषक तत्व ज्यादा। यह शरीर को जरूरी नमी भी प्रदान करता है। इसे उबालकर और भाप में पकाकर सब्जी के तौर पर या फिर सलाद के तौर पर भी खाया जा सकता हैविटामिन-के, मैगनीज, फाइबर और विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत होने के साथ ही इसमें ऐसे तत्व भी होते हैं तो कोलेस्टॉल को नियंत्रित रखते हैं।