महिलाओं को दे रहीं निशुल्क योग शिक्षा डॉ. नीलम गोस्वामी डॉ. नीलम गोस्वामी


योग मानव जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रतिदिन एक घंटे का योग-व्यायाम अथवा वर्कआउट दिनभर हमें स्फूर्ति प्रदान करता है। और यह बात जब महिलाओं के लिए हो तो और भी आवश्यक हो जाती है. क्योंकि महिलाओं की दनिया केवल एक कमरे से रसोई तक ही सिमट जाती है। ऐसे में उनके लिए योग करना आवश्यक हो जाता है। अब प्रश्न यह है कि योग कब और कैसे किया जाए? इसी बात को ध्यान में रखते हुए मेरठ महानगर में रहने वाली योगाचार्या डॉ० नीलम गोस्वामी योग की शिक्षा को घर-घर तक पहुँचाने का सराहनीय कार्य कर रही हैं। विशेष रूप से आप सैनिकों की महिलाओं को योग शिक्षा दे रही हैं। आपका मानना है कि जैसे एक महिला को शिक्षित कर पूरे ___ परिवार को शिक्षित किया जा सकता है, उसी प्रकार एक महिला का योग की शिक्षा यदि दी जाए तो परा परिवार इसके द्वारा स्वास्थ्य लाभ उठा सकता है। इस अंक में हम पाठकों को प्रख्यात योगाचार्या डॉ. नीलम गोस्वामी जी से परिचित करा रहे हैं। ___ योगाचार्या डॉ० नीलम गोस्वामी स्वर्गीय देव प्रकाश गोस्वामी एवं श्रीमती उर्मिला आर्य की पुत्री हैं। आपका जन्म जिला अलीगढ़ के कासिमपुर पावर हाउस में हुआ था। बाल्यावस्था से ही आपका लगाव योग एवं प्रकृति से होने के कारण आपने मात्र दस वर्ष की आयु में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में दीपासन कर सभी को स्तब्ध कर दिया था। विवाह के पश्चात आपने योग शिक्षा में एम०ए० तथा तीन वर्ष का प्राकृतिक चिकित्सा कोर्स किया। वर्तमान में आप देव योगशाला के माध्यम से अनेक महिलाओं को निशुल्क योग शिक्षा दे रही हैं। आपकी कार्यकुशलता एवं लगन को देखते हुए अनेक संस्थाओं द्वारा आपको पुरस्कृत एवं सम्मानित भी किया जा चुका है। इसी श्रृंखला में आपको 2018 में अवध यूनिवर्सिटी द्वारा नेशनल अवार्ड भी प्राप्त हो चुका है। संज्ञान _ में आया है कि अब तक आपके द्वारा तीन हजार से भी अधिक महिलाओं को निशुल्क योग शिक्षा प्राप्त हो चुकी है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए आपको प्रकृति फाउंडेशन द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में आप योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को समर्पित हैं।