वल्र्ड वैंफसर रिसर्च पंफड व अमेरिका इंस्टीटयूट पफाॅर वैंफसर वेफ अनुसार कई तथ्य है, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि पफल व सब्जियाँ खाना मुख, आहार नली, पेफपफड़ा, गला, मूत्राशय, स्तन, पेट, मलाशय और गुदा व कई अन्य तरह वेफ वैंफसर वेफ जोखिम को कम करता है। आँतों में विषैले तत्व जमा नहीं होते। इसी तरह उच्च पफाइबर युक्त आहार गुदा वेफ वैंफसर की आशंका को कम करता है। नेश्नल वैंफसर इंस्टीटयूट वेफ निर्देशानुसार हर रोज कम से कम 5 तरह वेफ पफल व सब्जियों का सेवन करना चाहिए। एक अनुमान ये भी है कि अगर युवा अपने सामान्य वजन को बनाए रखने पर ध्यान दें तो वैंफसर से होने वाली करीब 90 हजार मौतों को टाला जा सकता है।
हल्दी
वैंफसररोधी खाने की चीजों में हल्दी का स्थान सबसे उफपर हैं हल्दी में 20 तरह वेफ एंटिबायोटिक गुण वाले और 14 तरह वेफ वैंफसर से सुरक्षा करने वाले तत्व होते हैं। इससे टयूमर, दर्द व सूजन की आशंका भी कम होती है। वैंफसर की दवाओं से शरीर को होने वाले नुकसान से बचाव होता है। हल्दी वेफ करक्यूनिन तत्व को सिर व गले, स्तन, पेफपफड़े, ओवरी, मैलेनोमा, ल्यूवेफमिया व लिम्पफोमा वैंफसर से बचाव में पफायदेमंद माना गया है। वैंफसर वेफ लिए प्रभावी हल्दी वेफ करम्यूमिन तत्व की दवा भी बाजार में मौजूद है, जिसे 4 से 8 बार सेवन करने की सलाह दी जाती है।
टमाटर
लाइकोपीन, एक बढ़िया फ्रलेवेनाॅएड एंटीआॅक्सीडेंट है, जो टमाटर में भरपूर होता है। यह तत्व तरबूज, गुलाबी अंगूर और लाल शिमला मिर्च में भी होता है। टमाटर, टमाटर साॅस और टमाटर वेफ जूस को हर रोज लेना प्रोस्टेट वैंफसर वेफ जोखिम को 35» तक कम करता हैं लाइकोपीन अल्ट्रावाॅयलेट किरणों वेफ बुरे नुकसान से भी बचाता है। कच्चे टमाटर की बजाय लाइकोपीन पवेफ हुए टमाटर से बेहतर मिलता है। टमाटर में कई अन्य महत्त्वपूर्ण तत्व भी होते हैं। हालाँकि टमाटर सें सोलानाइल तत्व होता है, जो दर्द व सूजन बढ़ा सकता है। ऐसे में अपनी जरूरत का ध्यान रखें।
ग्रीन टी
एक समय में चीन व जापान का ये लोकप्रिय पेय आज दुनियाभर में वैंफसर से सुरक्षा करने वाले गुणों वेफ कारण प्रसि( हैं इसमें ईजीसीजी एंटी आॅक्सीडेंट होता है, जो वैंफसर कोशिकाओं की वृ(ि को रोकता है। हर रोज दो से तीन कप ग्रीन टी ले सकते हैं। अध्ययन कहते हैं कि ग्रीन टी वेफ सेवन से त्वचा, पेट, गुर्दे, गर्भाशय, स्तन, पेफपफड़े, पैन्व्रिफयाज व पेफपफड़ों वेफ वैंफसर से राहत मिलती है।
अदरक
सूजन व दर्द को दूर करने में खास पफायदा पहुँचाता है। साथ ही ट्यूमर बढ़ने से रोकता है। यूनिवर्सिटी आॅपफ मिशिगन काॅम्प्रिहेंसिव वैंफसर सेंटर वेफ अध्ययन वेफ अनुसार अदरक ओवरी की वैंफसर कोशिकाओं को कीमोथेरेपी की तुलना में ज्यादा तेजी से नष्ट करता है।
लहसुन
सल्पफर की मौजूदगी वेफ कारण लहसुन की गंध बहुत तेज होती है। लहसुन वूफटकर या बारीक कटा हुआ खाना चाहिए। यह शरीर में वैंफसरकारी तत्वों को उत्पन्न होने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है। इसवेफ अलावा प्याज, हरा प्याज, छोटे प्याज, ;सलादद्ध भी प्रोस्टेट, आंत, स्तन, पेफपफड़ों वेफ वैंफसर से खास बचाव करते हैं।
ब्रोकली
इसमें सल्पफरापेफन ;आॅर्गेनिक सल्पफर वंफपाडंडद्ध होता है, जो इम्यून स्टिम और रक्त नलिकाओं वेफ लिए पफायदेमंद होता है और सूजन व दर्द वेफ असर को कम करता है। यह स्वस्थ्य कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। ब्रोकली वेफ अंवुफरण में सभी तरह वेफ सल्पफरापेफन होते हैं। ब्रोकली को भाप में पकाकर या उबालकर ही खाएँ। ब्रोकली वेफ अलावा बंद गोभी व पत्ता गोभी में भी वैंफसररोधी तत्व होते हैं, जो मुँह, प्रोस्टेट, मूत्राशय और भोजन नली वेफ वैंफसर की आशंका को कम करते हैं।
ये तत्व है खास पफायदेमंद
वैफरेटेनाॅएड: यह गाजर, वेफ जूस और सीतापफल में भरपूर होता है।
डायटरी पफाइबर: असली वेफ बीज, राजमा, लोबिया, सब्जी, साबुत अनाज व पफलों में भरपूर होता है। गेहूँ की भूसी, पफलों वेफ छिलवेफ, मेवे व बीजों में अघुलनशील पफाइबर होता है। बींस, मटर व ओट्स में घुलनशील पफाइबर होता हैं। रिपफाइंड चीजें न खाएँ। पफोलेट और पफोलिक एसिड: यह हरी पत्तेदार सब्जियों में खूब होता है। इसवेफ अलावा बींस, खट्टे पफल, पपीता, अंगूर, स्ट्राॅबेरी, साबुत अनाज, मूँगपफली, बादाम, सीतापफल तिल, सूरजमुखी वेफ बीज में भरपूर होता है।