ताकत
लियोनार्डों द विंसी वेफ अनुसार प्रवृफति को गतिमान बनाए रखने वेफ पीछे की ताकत जल है। जल नहीं तो प्रवृफति नहीं। प्रवृफति नहीं तो मानवता नहीं। बारहमासी हो चली पानी की किल्लत प्रवृफति और प्राणियों के अस्तित्व पर बड़ा खतरा बन चुकी है। यह इतना सहज मसला नहीं है जितना हम आप सोचते हैं। विशिष्ट पंच तत्वों में से एक पानी वेफ चलते दुनिया त्राहिमाम करने लगी है। विश्व में सात में से एक व्यक्ति स्वच्छ पेयजल से महरूम हो चुका है।
तस्वीर
ब्राजील वेफ साओ पाउलों में सरकार पानी की आपूर्ति पर राशनिंग का विचार कर रही है। अमेरिका का वैफलीपफोर्निया लगातार चैथे साल सूखे से ग्रस्त है। भारत, बंगलादेश सहित कई एशियाई क्षेत्रों में भूजल स्तर पाताल में पहुंच चुका है। पश्चिम एशिया की उर्वर जमीन तेजी से रेगिस्तान में तब्दील होती जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात वेफ शहजादे भी अब जल को तेल से अध्कि जरूरी मानने लगे है। अनियमित बारिश व्रफम और बर्पफ वेफ पिघलने से कई क्षेत्रों की हाइड्रोलाॅजिकल प्रणाली गड़बड़ा चुकी है। विश्वभर में ग्लेशियरों का आकार सिकुड़ रहा है। इंटर गवर्नमेंअ पेनल कार क्लाइमे।ट चेंज की मानें तो आज भले ही जल की समस्या से दुनियाभर में कम लोग जूझ रहे हो। लेकिन 21वीं सदी वेफ अंत तक इनकी संख्या बहुत अध्कि होना नियति बन चुकी है। अत्यध्कि दोहन, कम बारिश से जल स्रोत सूख रहे हे।ं जो नहीं सूख रहे हैं उन्हें विकास की गलत परिपाटी सुखाने पर आमादा है। खेती पर जल की किल्लत का विपरीत असर पड़ने लगा है । जल पर जंग की नौबत आने लगी है। जलवायु परिवर्तन इस समस्या का एक अतिरिक्त कारक बन चुका है। मौसम चव्रफ बिगड़ चुका है।
तकाजा
इन सबवेफ बावजूद प्रति व्यक्ति जल की खपत में निरंतर होती वृ(ि यह दिखाती है कि हमें कोई पफर्वफ नहीं पड़ता। हम सुध्रने वाले नहीं हैं यह भले ही आखिरी मौका न हो, लेकिन हम सबको यह मानते हएु अब समय यह मानते हुए अब समय न गंवाते हुए अपने मन, व्रफम और बचन से जल की बूँद-बूँद बचाने का उपव्रफम करना चाहिए। विश्व जल दिवस ;22 मार्चद्ध जल संरक्षण वेफ संकल्प का सर्वोत्तम दिन है।