पर्यावरण शब्द परि एवं आवरण नामक दो शब्दों से मिलकर बना है। परि का अर्थ हैµ चारों ओर एवं आवरण का अर्थ हैµ घेरा अर्थात हमारे चारों ओर वह घेरा ही पर्यावरण है जिसका हम उपयोग करते हैं। इसे छू सकते हैं, देख सकते हैं, जिसमें मानव, जीव-जंतु, पेड़-पौध्े, पहाड़, हवा, पानी आदि सभी आ जाते हैं।
वास्तव में पर्यावरण जीवन वेफ लिए बहुत महत्वपूर्ण है किंतु आज बहुत चिंता की बात है कि पर्यावरण में असंतुलन बहुत तेजी से बिगड़ रहा है। स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। जिसवेफ दुष्परिणाम निरंतर सामने आ रहे हैं। वैसे तो पर्यावरण को बचाना मानव मात्रा की जिम्मेदारी है किंतु यहा भी महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। वैसे तो भारतीय महिलाओं द्वारा वैदिक काल से ही पर्यावरण संरक्षण पर बल दिया गया है। जिसवेफ अंतर्गत सूरज, चाँद, तारों आदि की पूजा वेफ साथ-साथ तुलसी आँवला, वेफले, पीपल आदि वृक्षों की पूजा की जाती है।
वन संरक्षण में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है पिफर चाहे वह उत्तराखंड का चिपको आंदोलन ही क्यों न हो और राजस्थान की अमृता देवी ने तो वृक्षों को बचाने वेफ लिए अपनी जान ही दे दी थी। वंदना मेघा पाटेकर, शिवा आदि का भी पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है किंतु आज स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है। विकास पर्यावरण को लील रहा है अब पानी सर वेफ उफपर से गुजर रहा है।
पर्यावरण इतनी तेजी से असंतुलित हो रहा है कि यदि यही हाल रहा तो क्या होगा? इसकी कल्पना करना भी बहुत मुश्किल है इसलिए इसे बचाने की शुरफआत भी हमें घरों से करनी होगी जिसमें महिलाओं को अपने घर परिवार वेफ बच्चों को प्रवृफति का आदर करना सिखाना होगा उन्हें बताना होगा कि प्रवृफति का दोहन नहीं, उसकी रक्षा करें, उसवेफ प्रति संवेदनशील बने। साथ ही एक-दूसरे को उपहार में हमें महँगे तोहपेफ ना देकर, पेड़ पौध्े देने चाहिए। अपने आसपास खूब वृक्ष लगाएँ। घर में जगह कम है तो हम गमलों में भी पौध्े लगा सकते हैं और हाँ, यह पौध्े हम अपने बच्चों से लगवाएँ साथ ही उनवेफ लालन-पालन की जिम्मेदारी उन्हें दे तो आप देखेंगे कि बढ़ते हुए पेड़-पौधें को देखकर बच्चे बहुत खुश होंगे और उनका और भी अध्कि ध्यान रखेंगे। पर्यावरण बचाने वेफ लिए हमें कचरा नहीं पैफलाना चाहिए और ना ही दूसरों को पैफलाने देना चाहिए। प्लास्टिक का प्रयोग बंद करें और करवाएँ। पशु-पक्षियों को दाना-पानी दे और बच्चों को उनवेफ प्रति संवेदनशील बनाएँ। बिजली, पानी, गैस, पेट्रोल की कीमत समझें और समझाएँ। वास्तव में प्रवृफति सदैव सकारात्मक संदेश देती है, अतः हमें भी उसवेफ प्रति यही भाव रखना चाहिए। इस प्रकार उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर, हम महिलाएँ घर संभालने वेफ साथ-साथ प्रवृफति को भी संवार सकती हैं। वैसे भी प्रवृफति हमें सदैव से वुफछ न वुफछ देती ही आई है अतः अब हमारा कर्तव्य है कि हम भी प्रवृफति को प्यार-दुलार देकर संवारे।
प्रवृफति से प्रेम करो